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 कविता : मराठी अभिजात्य भाषा

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जो जन्मी पली

उच्च कुल में

जिसने

उच्च सम्मान है पाया

उस भाषा पर है गर्व हमें

जिसने भारत का मान बढ़ाया।

शूर वीर, संत महंत

रचनाकार हुए अनंत

स्वर दिया जिसे संगीतकारों ने

गायकों ने मधुर स्वरों में गाया

महाराष्ट्र है जननी इसकी

राष्ट्र ने इसको है अपनाया

मराठी अभिजात्य है भाषा

भारत का जिसने मान बढ़ाया।।

वीर शिवाजी का अभिमान

संत ज्ञानेश्वर का ज्ञान

मराठों के जिसमें बसते प्राण

चलो, करें हम इसका गौरव गान।

अपनापन इसमें हमने पाया।

मराठी देश गर्व की भाषा

भारत का जिसने मान बढ़ाया।।

शशि तिवारी

  गोंदिया