ग्रामवासियों ने आंदोलन किया स्थगित
रावणवाड़ी, (गोंदिया) : गोंदिया तहसील के दासगांव खुर्द में 13 अगस्त को स्कूल से दोपहर के दौरान शौच को गए दो मासूम बच्चों की मुरूम के लिए खोदे गए गढ्ढे में गिरने की वजह से मौत हो गई थी. 14 अगस्त को यह दोनो बच्चों की अंतिम यात्रा निकाली गई. इस शव यात्रा में दासगांव और दासगांव खुर्द के बड़े पैमाने पर लोग शामिल हुए और इन दोनों गांवों में बुधवार को शोकाकुल वातावरण पुरे दिन भर नजर आया. घटना घटित होते ही ग्रामवासियों ने 13 अगस्त को स्कूल प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह घटना घटित होने की बात कहकर 14 अगस्त को आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. लेेकिन ग्रामवासियो ने यह आंदोलन स्थगित कर दिया.
रावणवाड़ी पुलिस थानांतर्गत आनेवाले दासगांव खुर्द में 13 अगस्त को कक्षा तीसरी के छात्र आलोक भागचंद बिसेन (10), प्रिंस किशोर रहांगडाले (10) स्कूल के दोपहर की छुट्टी के दौरान शौच के लिए गए थे कि इसी दौरान उनकी मुरूम के लिए खोदे गए गढ्ढे में गिरने से मौत हो गई. बुधवार, 14 अगस्त को शव विच्छेदन होने के बाद जैसे ही प्रिंस और आलोक का शव ग्राम में पहुंचा तो दासगांव व दासगांव खुर्द के सभी नागरिकों की नम आंखे हो गई और गांव में शोक का वातावरण निर्माण हो गया. दोनो मासूम बच्चों की शव यात्रा निकालने के दौरान बड़ी तादाद में परिसर के लोगों के साथ-साथ शिक्षक वर्ग भी शामिल हुए थे. स्थानीय मोक्षधाम पर प्रिंस रहांगडाले और आलोक बिसेन का अंतिम संस्कार किया गया. स्कूल प्रशासन की लापरवाही की वजह से घटित इस घटना के चलते ग्राम के नागरिकों ने 14 अगस्त को स्कूल को ताला ठोको आंदोलन करने की बात 13 अगस्त को कही थी. लेकिन पुलिस उपविभागीय अधिकारी रोहिनी बानकर, शिक्षाधिकारी महेंद्र गजभिए, रावणवाडी के थानेदार वैभव पवार, पुलिस उपनिरीक्षक सुनिल अंबुरे व दासगांव तथा दासगांव खुर्द के गणमान्य व्यक्तियों की मध्यस्था में यह आंदोलन वापस लिया गया.
अवैध उत्खनन के लिए खोदे गए थे गढ्ढे…..
गोंदिया तहसील के दासगांव, दासगांव खुर्द, तेढवा, नीलज, सिवनी, बघोली, कलारीटोला आदि स्थानों के मैदानों पर अवैध उत्खनन बड़े पैमाने कर बड़े-बड़े गढ्ढे किए गए है. मैदान परिसर से मुरूम की खुदाई माफियाओ ने कर अपने जेब तो गर्म कर लिए लेकिन इस बारिश के मौसम में मुरूम के लिए खोदे गए गढ्ढे इन दिनो मासूम बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो रहे है. यहां बता दे की गोंदिया तहसील के अधिकतर ग्रामों में वन विभाग और शासकीय जमीन की बड़े पैमाने पर मुरूम माफियाओं ने खुदाई कर अवैध उत्खनन किया है. लेकिन संबंधित विभाग ने अवैध उत्खनन के लिए स्थल का मुआयना करने की भी जहमत नहीं उठाई. जिस वजह से इन दिनों गांव से सटे मैदानी क्षेत्र में खोदे गए गढ्ढे बारिश के पानी से लबालब भर गए है.

